एक गिलहरी प्यारी-प्यारी
नाम है उसका चुनमुन
सुबह सुबह उठ जाती है वो
फुदकती फिरती वन वन
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एक रोज वो फुदक रही थी
देखा उसने बाज
थर थर कांपी जोर से
हालत हुई ख़राब
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फिर भी उसने जोर से
सबको दी आवाज
यहाँ नहीं आना कोई
पेड़ पे बैठा बाज
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तभी एक बन्दर आया
जोर से पेड़ हिलाया
पेड़ के हिलते ही
बाज बहुत घबराया
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बाज वहां से भाग लिया
तो बन्दर भी मुस्काया
चुनमुन ने ली साँस चैन की
बड़ा मजा था आया.
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शिखा कौशिक 'नूतन '
शिखा कौशिक 'नूतन '
6 टिप्पणियां:
प्यारी सी बाल रचना ...
कल 03/जून /2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !
सुन्दर बाल कविता
सुन्दर बाल कविता
बहुत प्यारी कविता
मन खुश कविता ।
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