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गुरुवार, 26 मई 2011

सुपर सोनिक युग की नानी


सुपर सोनिक युग की नानी 


हमारी नानी का जवाब नहीं है ;
उन जैसा दुनिया में कोई और नहीं है ;
सुबह उठकर वे मॉर्निग वॉक पर हैं जाती ;
फिर एक घंटा एक्सरसाइज में बिताती ,
पूजा करती,नाश्ता बनाती ;
स्कूटी पर बैठाकर हमें घुमाकर लाती ,
चौकलेट-टॉफी जितने चाहो हमको हैं दिलवाती ,
सुपर सोनिक युग की नानी दिन में करती चैट ;
आई.पी.एल. के मैच देखकर कहती ''हाउ'स दैट ''
नानी के संग रहकर हमको आता है आनंद ,
इतनी मीठी-इतनी प्यारी जैसे ''कलाकंद''.
                                           शिखा कौशिक 

11 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

Shalini kaushik ने कहा…

kash aisee nani sabko mile.

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत अच्छी रचना है। वधाई

Er. सत्यम शिवम ने कहा…

आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (28.05.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

नानी हो तो ऐसी ).....अच्छी प्रस्तुति!

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

मजेदार कविता ....

vandana gupta ने कहा…

बिल्कुल सही चित्रण किया है आज और आने वाले कल मे ऐसी ही नानियाँ मिलेंगी।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर..

Ravi Rajbhar ने कहा…

Behtrin prastuti

Lekin hamari nani bilkul alag hain..
aaj bhi me nani ke yaha jata hun.... mano nani ke liye sab kux me hi hun.
aaj bhi unke budhe hath mere sir ko dabate hain.

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

PYAARI PYAARI HAI YE NAANI
HAR NAANI SE NYAARI NAANI

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

हमेशा की तरह एक बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति बहुत ही बढ़िया कविता