एक चिड़िया
फुदक-फुदक कर डोल रही है
मेरी बगिया में एक चिड़िया .
कितना मीठा बोल रही है ;
मेरी बगिया में एक चिड़िया .
फव्वारे में नहा रही है ;
मेरी बगिया में एक चिड़िया .
सबका मन बहला रही है ,
मेरी बगिया में एक चिड़िया .
शिखा कौशिक
4 टिप्पणियां:
बहुत बढिया है ये आपकी बाल कविता, बच्चों को तो जल्दी से याद भी हो जाएगा।
बहुत सुन्दर बालरचना!
बहुत सुंदर है चिड़िया की कविता....
मन करता है हम भी कूदें फव्वारे में चिड़ियों की संग खूब नहायें -सुन्दर रचना बधाई हो
फव्वारे में नहा रही है ;
मेरी बगिया में एक चिड़िया .
एक टिप्पणी भेजें