पूंछ वाला छोरा
हम सभी अपने घर में पलने वाले जीव चाहे वह कुत्ता हो ,चिड़िया हो अथवा बिल्ली -सबसे स्नेह करते हैं .हमारा डॉगी है ''जोंटी '' है .उसी पर आधरित है यह गीत .मै उसे ''पूंछ वाला छोरा ''भी कहती हूँ .आप भी गीत का आनंद लीजिये -
ऊपर से नीचे से जब भी बुलाया
पूंछ वाला छोरा देखो दौड़ा दौड़ा आया .
पूंछ वाले छोरे की आँखे कजरारी
पूंछ वाला छोरा चलता चाल बड़ी प्यारी
पूंछ वाला छोरा देखो सबके मन को भाया.
पूंछ वाला छोरा देखो दौड़ा दौड़ा आया .
पूंछ वाले छोरे की बातें निराली
पूंछ वाला छोरा करता घर की रखवाली
पूंछ वाले छोरे ने बन्दर भगाया
पूंछ वाला छोरा देखो दौड़ा दौड़ा आया .
शिखा कौशिक
5 टिप्पणियां:
bahut pyari prastuti.
मजेदार ...बहुत बढ़िया कविता ..गाया भी अच्छा है.....
अभिनन्दन है आप का
शालिनी कौशिक जी और शिखा कौशिक जी हम तो भंवर में खो गए एक जिस्म दो जान ,शालिनी या शिखा कौन ?? क्या -क्या पहचान -
पूंछ वाला छोरा भोली आँख दिखाया -
इतना प्यारा काम करके -ढोल सुनाया -
बन्दर के कान में मन्त्र जगाया -बहुत सुंदर बाल कविता -
बाल कविता, पर मुझे भी बहुत अच्छी लगी।
apaka geet pasand aya
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