आओ बच्चों तुम्हे मिलाऊँ एक छोटे से बच्चे से,
कहना ना माने अपने बड़ों का ऐसे अक्ल के कच्चे से.
मम्मी-पापा बहुत रईस
देते उसे खूब पॉकेट मनी
अपने साथ के बच्चों में वो
बनता फिरता बहुत धनी
इधर-उधर के खर्चे करता जिन्हें ना करते अच्छे से,
कहना ना माने अपने बड़ों का ऐसे अक्ल के कच्चे से.
पैसे के कारण उसे मिले कुछ
स्कूल में बच्चे बिगडेल
जिन की संगति में रह-रहकर
कर बैठा वो गंदे खेल
अपनी अक्ल पर चलकर ही तो भटक गया वो रस्ते से,
कहना ना माने अपने बड़ों का ऐसे अक्ल के कच्चे से.
देख के उसकी बुरी आदतें
स्कूल से घर पर शिकायत आई
पढ़ बेटे की गलत हरकतें
मात-पिता के मुख शर्म थी छाई
जाकर उसका कमरा देखा मिली अफीम थी बस्ते से,
कहना ना माने अपने बड़ों का ऐसे अक्ल के कच्चे से.
सुधार ही देंगे बेटा अपना
मम्मी-पापा ने सौगंध ली
बेटे के सामने खुद ही अपने
जीवन की सच्चाई खोली
मिलता है यहाँ सब कुछ बेटे काम करो जब मेहनत से,
कहना ना माने अपने बड़ों का ऐसे अक्ल के कच्चे से.
पैसा तुमको हम ना देंगे
मित्रो से जाकर ले लो
कहना हमारे बेटे नहीं हो
अब तुम मेरे संग खेलो
जाके कहा जब उसने ये सब दिया निकाल उसे दस्ते से,
कहना ना माने अपने बड़ों का ऐसे अक्ल के कच्चे से.
देख के उसकी बुद्धि संभली
उसने मन में ठान ली
मानेगा मम्मी-पापा की
बात ये उसने जान ली
कैसा लगा मिलकर अब बोलो इस छोटे से बच्चे से,
कहना भी माने करना भी जाने ऐसे मन के सच्चे से.
बच्चे भगवान का स्वरुप होते हैं.उनके संसार में दुःख ,निराशा का कोई स्थान नहीं होता और न ही होना चाहिए.बच्चों के साथ रहकर सभी अपने दुःख भूल जाते हैं.भगवान के इन्ही नन्हे फरिश्तों के लिए ये ब्लॉग........
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शनिवार, 27 नवंबर 2010
बुधवार, 24 नवंबर 2010
aisi sunao kahani
नानी सुनाओ हमे एक कहानी
जिसमे हो एक राजा-रानी
और प्यारी सी राजकुमारी !
******************************************
नानी सुनाओ हमे एक कहानी
जिसकी हो हर बात निराली
चाचा-चाची हो उसमे या हो मामा-मामी
***************************************************
नानी सुनाओ हमे एक कहानी
उसमे हो सब बाते प्यारी
बस इतनी सी शर्त हमारी
***********************************************************
शिखा कौशिक
जिसमे हो एक राजा-रानी
और प्यारी सी राजकुमारी !
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नानी सुनाओ हमे एक कहानी
जिसकी हो हर बात निराली
चाचा-चाची हो उसमे या हो मामा-मामी
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नानी सुनाओ हमे एक कहानी
उसमे हो सब बाते प्यारी
बस इतनी सी शर्त हमारी
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शिखा कौशिक
शनिवार, 13 नवंबर 2010
bal divas ki shubhkamnayen
प्यारे बच्चो,
कल बाल दिवस है, बाल दिवस यानि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री और तुम बच्चो के प्यारे चाचा पंडित नेहरू का जन्म दिवस ;इस अवसर पर आपकी दीदी शिखा आपके लिए लाई हैं एक छोटी सी कविता,बताना कैसी लगी------
"फूलों के जैसे महकते रहो,
पंछी के जैसे चहकते रहो,
ये है हमारी शुभ-कामना,
हँसते रहो ,मुस्कुराते रहो.
निसदिन तुम कुछ सीखो नया,
जलाते रहो ज्ञान का तुम दिया,
ये है हमारी शुभ-कामना,
हँसते रहो ,मुस्कुराते रहो.
सूरज की भांति चमकते रहो,
तितली के जैसे मचलते रहो,
ये है हमारी शुभ-कामना,
हँसते रहो,मुस्कुराते रहो.
मम्मी डेडी का आदर करो,
सुन्दर भावों से मन को भरो,
ये है हमारी शुभ-कामना,
हँसते रहो,मुस्कुराते रहो.
कल बाल दिवस है, बाल दिवस यानि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री और तुम बच्चो के प्यारे चाचा पंडित नेहरू का जन्म दिवस ;इस अवसर पर आपकी दीदी शिखा आपके लिए लाई हैं एक छोटी सी कविता,बताना कैसी लगी------
"फूलों के जैसे महकते रहो,
पंछी के जैसे चहकते रहो,
ये है हमारी शुभ-कामना,
हँसते रहो ,मुस्कुराते रहो.
निसदिन तुम कुछ सीखो नया,
जलाते रहो ज्ञान का तुम दिया,
ये है हमारी शुभ-कामना,
हँसते रहो ,मुस्कुराते रहो.
सूरज की भांति चमकते रहो,
तितली के जैसे मचलते रहो,
ये है हमारी शुभ-कामना,
हँसते रहो,मुस्कुराते रहो.
मम्मी डेडी का आदर करो,
सुन्दर भावों से मन को भरो,
ये है हमारी शुभ-कामना,
हँसते रहो,मुस्कुराते रहो.
बुधवार, 10 नवंबर 2010
prerna
नन्हे फरिश्तों,
अब परीक्षाएं पास आ गयी हैं और अब आपको पढाई में ठीक वैसे ही जुट जाना चाहिए जैसे की चीटीं और शेर अपने काम में जुटे रहते हैं.मैं इस लिए आपके लिए हमारा आपका प्यारा ब्लॉग से एक लिंक आपको दे रही हूँ जिस पर जाकर आप एक छोटी सी कविता के जरिये इनके कार्य करने के तरीके को जानchhenti aur sher सकते हैं..
अच्छा अब पढाई करो मैं चलती हूँ.अगली बार कुछ और लूंगी..
अब परीक्षाएं पास आ गयी हैं और अब आपको पढाई में ठीक वैसे ही जुट जाना चाहिए जैसे की चीटीं और शेर अपने काम में जुटे रहते हैं.मैं इस लिए आपके लिए हमारा आपका प्यारा ब्लॉग से एक लिंक आपको दे रही हूँ जिस पर जाकर आप एक छोटी सी कविता के जरिये इनके कार्य करने के तरीके को जानchhenti aur sher सकते हैं..
अच्छा अब पढाई करो मैं चलती हूँ.अगली बार कुछ और लूंगी..
सोमवार, 1 नवंबर 2010
जंगल में भी मनी दिवाली,

जंगल में भी मनी दिवाली,
..
जंगल में भी मनी दिवाली,


नाचे भालू बजा ke ताली ,
बन्दर ने भी दीप जलाये,कोयल कू-कू गीत गाये ,
रसगुल्ला खरगोश ने खाया,
बर्फी खा गयी बिल्ली काली ,
जंगल में भी मनी दिवाली.

शेर कर रहा लक्ष्मी पूजा,
हाथी का मुहं फिर भी सूजा,
उसको नहीं मिले पटाखे,
घर के अन्दर बाहर भागे,
जंगल में हलचल कर डाली,
जंगल में भी मनी दिवाली.
शिखा कौशिक
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