रंग बिरंगी ,नीली -पीली
चंचल ,चपल -थिरकती तितली ;
फूल के ऊपर छतरी बनकर
नाच रही है प्यारी तितली ;
टिंकू, मिंकू , पिंकी -चिंकी
सबको लगती प्यारी तितली;
ललचाकर है पास बुलाती
पास बुलाकर खुद उड़ जाती
बच्चों की है हँसी उड़ाती
फिर भी जग से न्यारी तितली ;
रंग बिरंगी ,नीली-पीली
चंचल चपल ,थिरकती तितली .
शिखा कौशिक
[सभी चित्र गूगल से साभार ]
7 टिप्पणियां:
सुंदर चित्र ..प्यारी कविता ....
वाह, बहुत सुंदर
प्रस्तुति भी शानदार
प्रिय शालिनी जी बहुत सुन्दर छवियों के साथ मन मोहक बाल गीत ,,हम बच्चों के मन खुश हुए ....जय श्री राधे ..आप का स्वागत है आइये बाल झरोखा सत्यम की दुनिया व् अन्य पर भी
शुक्ल भ्रमर ५
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
देवोत्थान पर्व की शुभकामनाएँ!
बच्चों के लिए बहुत अछि रचना ...शुक्रिया शिखा जी !
वाह ...बहुत ही बढि़या ।
कल 09/11/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है।
धन्यवाद!
बहुत ही खूबसूरत।
सादर
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