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शुक्रवार, 6 जुलाई 2012

जोंटी की हार्दिक शुभकामनायें !


जोंटी  की हार्दिक शुभकामनायें !


उठाकर डिब्बा मिठाई का 
मैं हूँ मौज  मनाता ;



मालिक क्यूँ नाराज हैं ?
बस यही समझ न आता !




खाकर इस मिठाई को 
मन में  आनंद समाये ;
आप  सभी को प्रेषित हैं 
मेरी शुभकामनायें !
                                                with regards
                                             jaunty [your dear pet ]

3 टिप्‍पणियां:

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

हा जी
जांटी को भी शुभकामनाएं..
आमतौर पर हम लोग जांटी को भूल क्यों जाते हैं,

Shalini kaushik ने कहा…

शानदार प्रस्तुति.आभार.
धिक्कार तुम्हे है तब मानव ||

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

जांटी को भी शुभकामनाएं..
अरे जनाब अकेले ही चट करना तुमको भाता
इसीलिए तेरे स्वार्थ पर मालिक को गुस्सा आता ...

शालिनी जी जय श्री राधे ..प्रताप गढ़ साहित्य मंच पर शिखा कौशिक जी ने आगाज किया आप भी सहमती दें आप का नाम वहां देखने में आनंद आये ..कृपया बताएं
भ्रमर ५
प्रताप गढ़ साहित्य प्रेमी मंच
http://bhramarkadardpratapgarhsahityamanch.blogspot.com