टॉमी -जॉनी
दो चूहे थे टॉमी-जॉनी
हर पल करते थे शैतानी;
कभी किसी के कपडे काटें
कभी वो रोटी लेकर भागें ;
एक दिन आ गयी बिल्ली रानी
दोनों को हो गयी परेशानी ;
कैसे इससे जान बचाएं ?
कैसे फिर से धूम मचाएं ?
इतने में आ गया गृह स्वामी ;
भागी देख के बिल्ली रानी ,
चूहों ने फिर मन में ठानी
नहीं करेंगे अब मनमानी ;
गृह स्वामी ने हमें बचाया
हमको है अहसान चुकाना
कपडा-कागज न काटेंगे
रोटी लेकर न भागेंगे ;
अनुशासन से यहाँ रहेंगे
अच्छा हमको सभी कहेंगे .
शिखा कौशिक
7 टिप्पणियां:
गृह स्वामी ने हमें बचाया
हमको है अहसान चुकाना
कपडा-कागज न काटेंगे
रोटी लेकर न भागेंगे ;
अनुशासन से यहाँ रहेंगे
अच्छा हमको सभी कहेंगे
likha to bahut achchha hai par choohe aise kahan hote hain .
अच्छे कम करोगे तो सब अच्छा कहेंगें ही ..टॉमी जॉनी.... मजेदार कविता है शालिनी दी ..
बहुत ही बढिया ये बाल रचना।
बहुत सुंदर बाल कविता.
swabhavik , saral shabdon men sundar rachana
शालिनी जी अभिवादन
बच्चों को सुन्दर सीख देती रचना
कपडा-कागज न काटेंगे
रोटी लेकर न भागेंगे ;
अनुशासन से यहाँ रहेंगे
अच्छा हमको सभी कहेंगे
शुक्ल भ्रमर ५
बहुत सुन्दर शालिनी र्दी . . . मैं ब्लॉग्स पढ़ने वाले हर सख्श से अनुरोध करूँगा कि इस बाल कविता को अपने परिवार के सभी नन्हें मुन्ने बच्चों को सुनायें ताकि उन्हें अच्छी सीख मिले।
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