
काम पप्पा ने कितना चंगा किया ,
लाकर मुझको ये प्यारा तिरंगा दिया !
................................................................
इस तिरंगे की शान निराली बड़ी ,
इसको छत पर फहराने की हसरत चढ़ी ,
वानर दल से मैंने पंगा लिया !........................................................
जब फहरता है ताली बजाता हूँ मैं ,
मम्मी-पप्पा को पास बुलाता हूँ मैं ,
मैंने अब न कोई भी दंगा किया !
शिखा कौशिक 'नूतन '