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मंगलवार, 6 सितंबर 2011

तारे


Stars In Color

टिम-टिम टिम-टिम चमक रहे हैं नभ में कितने तारे ;
मम्मी देखो लगते हैं ये तारे कितने......प्यारे !
क्या मैं इनको छू सकता हूँ ?रख सकता हूँ पास ?
क्या ये मेरे जैसे हैं ?........क्या लेते हैं ये साँस ?
क्या ये खाना खाते हैं ?..क्या इनको लगती प्यास ?

[masterfile से sabhar ]
मम्मी माथा चूम के बोली -बात सुनो एक खास 
ये हैं भिन्न खगोलीय पिंड ,घर इनका आकाश ,
इनकी चमक से चमक रही है  देखो कैसे रात ?
ये तो हैं सब के लिए बेटा उस प्रभु की सौगात  ,
छिप  जाये  जब दिन  में ये सब,निकली हो जब धुप ,
आँखों में तुम बसा के रखना इनका सुन्दर रूप .
                                             शिखा कौशिक 

9 टिप्‍पणियां:

vidhya ने कहा…

bahut sunder

Chaitanya Sharma ने कहा…

बहुत प्यारी कविता

मदन शर्मा ने कहा…

सुंदर रचना कोमल भाव
बधाई हो!!!

रुनझुन ने कहा…

बहुत अच्छी कविता... थैंक्यू!!!

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत सुन्दर और मासुम रचना...

prerna argal ने कहा…

आपकी पोस्ट आज "ब्लोगर्स मीट वीकली" के मंच पर प्रस्तुत की गई है /आप आयें और अपने विचारों से हमें अवगत कराएँ /आप हमेशा ऐसे ही अच्छी और ज्ञान से भरपूर रचनाएँ लिखते रहें यही कामना है /आप ब्लोगर्स मीट वीकली (८)के मंच पर सादर आमंत्रित हैं /जरुर पधारें /

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत प्यारी बाल कविता...

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत सुंदर शिखा

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

बहुत अच्छा।