प्यारे नन्हे दोस्तों
एक बहुत बड़ी खुशखबरी है .हमारी नन्ही सी इस टोली में एक और प्यारे से दोस्त शामिल हो चुके हैं .उनका नाम है ''अमन खान ''.उनका
एक प्यारा सा फोटो भी हमें उनके पापा के ब्लॉग से मिल गया है.आप भी मिलिए उनसे -
हम ने उनकी शान में कुछ लिखा है-
इस नन्ही सी जान से बड़ा प्यारा रिश्ता है ,
सजा दे मुस्कान होठों पर ;ये ऐसा फरिश्ता है.
नर्म बंद मुट्ठी में छिपाए है खजाना खुशियों का ;
दिलों में भरता सुकून जब पाक हँसी हँसता है.
ये लेकर आया है रौनक हमारे आँगन में;
कभी सूरज-कभी चाँद जैसा लगता है.
हजारों साल जिए ये दुआ है हमारी ;
''अमन'' के नाम से गुलशन भी अब महकता है.
अमन के मम्मी-पापा को हमारी ओर से बहुत-बहुत मुबारकबाद .
शिखा कौशिक
4 टिप्पणियां:
बहुत बहुत मुबारक हो बुआ ओर भतीजे को ये पोस्ट .
आज तो ये सॉंग याद आ रहा है जो शायद हमारे डॉ.साहब के मन के किसी कोने में बज रहा होगा-
''तुझे सूरज कहूं या चंदा,
तुझे दीप कहूं या तारा,
मेरा नाम करेगा रोशन
जग में मेरा राजदुलारा .
बहुत बहुत बधाई
Bahut Cute hai Aman...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
स्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
जितना प्यारा अमन उतनी ही प्यारी कविता... बड़ा होकर अमन जब ये कविता पढ़ेगा तो उसे बहुत खुशी होगी...:-)
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