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शैतानी की उसको आदत ,
मम्मी जब भी डांटे उसको ;
टिंकू को लगती वे आफत
एक दिन लेकर लम्बा डंडा
उसने चारो और घुमाया ,
टकराया दीवार से जाकर
धक्का खा वो संभल न पाया .
लगी चोट फिर नाक पर आगे ,
खून निकल कर बाहर आया ,
दर्द हुआ फिर बड़ी जोर से ,
रोकर टिंकू था चिल्लाया .
पापा डॉक्टर बुलाकर लाये ,
डॉक्टर ने मरहम लगाया ,
मम्मी क्यों थी डांट पिलाती ?
आज उसकी समझ में आया !!
शिखा कौशिक 'नूतन '
4 टिप्पणियां:
prerak kavita nice..शोध -माननीय कुलाधिपति जी पहले अवलोकन तो किया होता .
बहुत सुंदर
बहुत सुंदर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
शालिनी जी
…बहुत प्यारी रचना है
इस पोस्ट के लिए बधाई एवं आभार …
शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
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