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सोमवार, 5 दिसंबर 2011

माँ ! मुझको फौज़ी बनना है .


stock photo : Little boy in soldier's uniform with a gun. Studio shot




माँ   ! मुझको  फौजी  बनना  है  ;
अपने वतन पे  मर -मिटना  है ,
माँ मुझको फौजी बनना है .


फौज़ी वर्दी लगती है प्यारी ,
इस वर्दी की शान निराली ,
प्रण मेरा इसे धारण करना है 
माँ ! मुझको फौज़ी बनना है .


दुश्मन जब आयेंगें इकट्ठे ,
सबके दांत मैं कर दूंगा खट्टे ,
शेरा बनकर टूट पड़ना है .
माँ ! मुझको फौज़ी बनना है .
                                   जय हिंद !
                                                      शिखा कौशिक 
                                     [मेरा आपका प्यारा ब्लॉग ]

3 टिप्‍पणियां:

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बहुत सुंदर कविता ...

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

सुन्दर कविता.... जयहिंद...
सादर...

रुनझुन ने कहा…

देश प्रेम के सुन्दर भावों से सजी सुन्दर कविता!!!