गुडिया -गुड्डा
गुडिया रानी पायल पहने
पायल करती हैं छन छन
उसके हाथों की चूड़ी भी
बजती देखों हैं खन-खन .
गुड्डे राजा लेकर डमरू
बजा रहे हैं डम डम डम
सेहरा सिर पर चमक रहा है
चम् चम् चम् चम् चम् चम् .
गुडिया-गुड्डे की जोड़ी है
सुन्दरतम सुन्दरतम
आओ बन कर इनके साथी
धूम मचा कर खेलें हम .
शिखा कौशिक
9 टिप्पणियां:
bahut pyari bal kavita.shikha ji aapka jawab nahi.
बहुत ही सुन्दर लिखा है अपने इस मैं कमी निकलना मेरे बस की बात नहीं है क्यों की मैं तो खुद १ नया ब्लोगर हु
बहुत दिनों से मैं ब्लॉग पे आया हु और फिर इसका मुझे खामियाजा भी भुगतना पड़ा क्यों की जब मैं खुद किसी के ब्लॉग पे नहीं गया तो दुसरे बंधू क्यों आयें गे इस के लिए मैं आप सब भाइयो और बहनों से माफ़ी मागता हु मेरे नहीं आने की भी १ वजह ये रही थी की ३१ मार्च के कुछ काम में में व्यस्त होने की वजह से नहीं आ पाया
पर मैने अपने ब्लॉग पे बहुत सायरी पोस्ट पे पहले ही कर दी थी लेकिन आप भाइयो का सहयोग नहीं मिल पाने की वजह से मैं थोरा दुखी जरुर हुआ हु
धन्यवाद्
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
http://vangaydinesh.blogspot.com/
बहुत ही सुन्दर लिखा है अपने इस मैं कमी निकलना मेरे बस की बात नहीं है क्यों की मैं तो खुद १ नया ब्लोगर हु
बहुत दिनों से मैं ब्लॉग पे आया हु और फिर इसका मुझे खामियाजा भी भुगतना पड़ा क्यों की जब मैं खुद किसी के ब्लॉग पे नहीं गया तो दुसरे बंधू क्यों आयें गे इस के लिए मैं आप सब भाइयो और बहनों से माफ़ी मागता हु मेरे नहीं आने की भी १ वजह ये रही थी की ३१ मार्च के कुछ काम में में व्यस्त होने की वजह से नहीं आ पाया
पर मैने अपने ब्लॉग पे बहुत सायरी पोस्ट पे पहले ही कर दी थी लेकिन आप भाइयो का सहयोग नहीं मिल पाने की वजह से मैं थोरा दुखी जरुर हुआ हु
धन्यवाद्
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
http://vangaydinesh.blogspot.com/
गुडिया रानी पायल पहने
पायल करती हैं छन छन
उसके हाथों की चूड़ी भी
बजती देखों हैं खन-खन
अति सुंदर मनमोहक कविता
और सुंदर चित्र
आप को आभार
अरे वाह..... बहुत प्यारी कविता
मजा आ गया हम बच्चों को शिखा जी
हम तो गुडिया गुड्डे की खन खन से मन मन में लड्डू खा गए
सुरेन्द्र शुक्ल भ्रमर ५
बचपन की यादे लिये बहुत सुंदर रचना......
बहुत प्यारा लिखा है शिखा जी आपने
बधाई
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
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