प्यारी मम्मी फोन मिला दो
नानी संग बतियाऊंगा ;
या मामा को तुम्ही बुला दो
मैं नाना के घर जाऊंगा .
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नाना मुझको गोद उठाकर
कितनी सैर कराते हैं!
नानी संग फिर हमसब मिलकर
चाट- पकौड़ी खाते हैं ,
तुम चलना चाहोगी तो
मैं तुम को भी ले जाऊंगा .
प्यारी मम्मी फोन मिला दो
मैं नाना के घर जाऊंगा .
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मामा अपनी स्कूटी पर
मुझे घुमाने जाते हैं ,
टाफी-चौकलेट और खिलोने
मनमर्जी दिलवाते हैं,
अपनी टाफी में से कुछ
मैं तुमको भी खिलवाऊंगा .
प्यारी मम्मी फोन मिला दो
मैं नाना के घर जाऊंगा .
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5 टिप्पणियां:
bahut achchhi bhavabhivyakti.....bal sulabh kavita likhne me aap lajawab hain..
बहुत अच्छी कविता है शिखा दीदी .. मैं अभी कुछ दिन नाना घर जाकर ही आया हूं....
बहुत प्यारी रचना |
आशा
सक्रांति ...लोहड़ी और पोंगल....हमारे प्यारे-प्यारे त्योंहारों की शुभकामनायें......सादर
बहुत सुन्दर शब्दों का मीठा सा ताना बाना !
सार्थक रचना !
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