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मंगलवार, 15 अप्रैल 2014

पिंकी बिल्ली

    

पिंकी  बिल्ली गई  थी दिल्ली ,लेकर सूटकेस ,

सूटकेस में थे गहने, कंगन, रिंग, नेकलेस ,

ऑटो में  वो ज्यों ही बैठी ,साथ चढ़ा एक चोर ,

सूटकेस लेकर वो भागा , मचा जोर का शोर 

पिंकी भागी उसके पीछे , मारा पीठ पे पंजा ,

चोर गिरा वही सड़क पर, पापी नीच लफंगा ,

पिंकी ने फिर गला दबाकर उसको यूँ धमकाया ,

मैं हूँ मौसी शेर की बेटा ! बोल समझ में आया ,

चोर ने डरकर पकड़ लिए बिल्ली मौसी के पैर ,

ऐसी चपल-चतुर मौसी से रखना न बच्चो बैर !

     शिखा कौशिक 'नूतन '